कोई जा कर कह दो बीबी से मेरी,
रज़ाई में कुछ उल्टा सीधा नहीं होता।
चंदे की छपाई, गिलाफ़ की रंगाई,
वो दोनों तरफ़ से बराबर गर्म होती है।।

वो दोनों तरफ़ से बराबर पानी सोखता है,
बराबर तन ढकता है।
तौलिये के सीवन में, उसके पूरे जीवन में
दोनों तरफ़ से बराबर शर्म होती है।।

उल्टे सीधे का पाठ पढ़ा के,
मेरे सफ़ेद बालों को शर्मसार न कर।
आगे पीछे ऊपर नीचे का फर्क़ बता कर,
मेरे आधे जीवन को निरर्थक न कर।।