Image by zujen from Pixabay
दुश्मन बैठा बार्डर के पार है
उसके पास एक राडार है।
हमारा लड़ाकू जहाज़ भी तैयार है।
आसमान में काली बदली सवार है,
परन्तु हमारा पी-एम भी होशियार है।
उसकी वाणी में बीट्स झनकार है।
बोला, “भाग्य को हमारा नमस्कार है।
ये तो साक्षात चमत्कार है।
बदली-बौछार से राडार उनका बेकार है।
विजय हमारी बरकरार है।”
विज्ञान का ये कैसा तिरस्कार है?
तर्क से उन्हें क्या सरोकार है।
क्यूंकि हर भक्त की यही ललकार है –
फिर एक बार मोदी सरकार है।
चाहे सत्य का क्यूँ न बलात्कार है।
मोदी है तो मुमकिन है।
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