दुश्मन बैठा बार्डर के पार है
उसके पास एक राडार है।
हमारा लड़ाकू जहाज़ भी तैयार है।
आसमान में काली बदली सवार है,
परन्तु हमारा पी-एम भी होशियार है।

उसकी वाणी में बीट्‍स झनकार है।
बोला, “भाग्य को हमारा नमस्कार है।
ये तो साक्षात चमत्कार है।
बदली-बौछार से राडार उनका बेकार है।
विजय हमारी बरकरार है।”

विज्ञान का ये कैसा तिरस्कार है?
तर्क से उन्हें क्या सरोकार है।
क्यूंकि हर भक्त की यही ललकार है –
फिर एक बार मोदी सरकार है।
चाहे सत्य का क्यूँ न बलात्कार है।

मोदी है तो मुमकिन है।