रंगा बिल्ला दो उपन्यासकार
विकृत करते न केवल इतिहास
वेद पुराण उपनिषद स्मृति
बदल रहे सबकी परिभास

जब ज्योति ज्यो इति हो गई
तो अमर जवान भी अ मर हो गया

सद्गतिरंगाबिल्ला असत्यर्गमय
अमृत्योरंगाबिल्ला मृत्योर्गमय

ज्योतिरंगाबिल्ला तमसोर्गमय