विश्व गुरु का स्वप्न संजोए
पक्षीराज बन बैठा है।
विष्णु वाहन बनते बनते
शव वाहन बन ऐंठा है।।

क्या कहा? मानव शव?
कद्रु पुत्र का खेला पात्र।
चुन चुन कर मुक्त किया
पक्षीराज पुराण पढ़ो मात्र।।