बेकराँ बेकरारे दिल मेरे लिए
कातिब इज़हार-ए-पर्ची
मेरी किसी सहीफे में
डाल कर भूल जा।

शब-ए-फुरकत का जागा
सफ्हा पलटता
आ जाऊँ कभी हैरत में।।

– ०५/१०/२०१२