पिछले कई दिनों से इंटरनेट पे एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ औरतें एक कोविड मरीज़ का ऑक्सीजन मास्क हटा कर, उस तड़पते हुए मरीज़ के हाथ-पाँव पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से “जय हनुमान” पढ़ रही हैं। वे डॉक्टर की हिदायत की भी अवहेलना कर रही हैं। उनका दावा है कि हनुमान जी उस मरीज़ को ठीक कर देंगे।
कोई इन जाहिल औरतों को बताये कि अगर “जय श्री राम” या “जय हनुमान” बोलने से ही कोई स्वस्थ हो जाता तो पवन पुत्र को लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी के लिए द्रोण पर्वत को उठा कर न लाना पड़ता। –
“लै गृह वैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सो वीर उपारो
आनि सजीवन हाथ दई तब, लक्ष्मण के तुम प्राण उबारो।”
पर क्या करें, जब देश के नेताओं ने रामायण को न समझकर, राम को न समझकर, अपनी सत्ता के लोभ में, लोगों के दिमाग में केवल गौ मूत्र और गोबर भरा?
नालंदा विश्वविद्यालय जैसे इतिहास में जहाँ बुद्धिजीवियों को बढ़ावा दिया जाता था, वहाँ आज उन्हें अर्बन नक्सल कहा जाता है। ये नेता अपनी कुमानसिकता, अज्ञानता और अपनी निरक्षरता को इन जुमलों और कटाक्ष भरे शब्दों में छुपा देते हैं! अभी भी समय है जाग जाइए और अपने आप को बचाइये। आप स्वयं बचोगे तो देश बचेगा! जय हिन्द!
Related posts
Leave a Reply Cancel reply
Hot Topics
Categories
- Art (4)
- Cinema (3)
- Culture (3)
- Food (2)
- General Thoughts (3)
- Health (2)
- Life (5)
- Lifestyle (7)
- Media (2)
- My Writings Elsewhere (1)
- News (2)
- People (2)
- Photography (1)
- Places (1)
- Poems (24)
- Politics (4)
- Religion (3)
- Review (1)
- Society (3)
- Startups (1)
- Stories (3)
- Tech (1)
- Travel (2)
- Uncategorized (1)
- Who Cares! (5)
- Women (2)
- अभौतिकता (2)
- आमोद (5)
- कविता (27)
- जीवन (8)
- धर्म – कर्म (6)
- पत्र (4)
- पर्यावरण (1)
- राजनीति (4)
- लोक गीत (4)
- विवाह (1)
- व्यंग्य (4)
- सम्बन्ध (3)
- संस्कृति (6)
- सामान्य विचार (11)
- स्त्री (2)
- स्वप्न (1)
Stay connected